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अपोलो हॉस्पिटल में पदस्थ रहे दमोह के फर्जी डॉक्टर की डिग्री की जांच सहित अन्य मांगों को लेकर आज जिला कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर/एसपी को सौंपा ज्ञापन

बिलासपुर। अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर के फर्जी डिग्री की जांच सहित अन्य मांगों को लेकर आज जिला कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी एवं विजय पांडेय के नेतृत्व में आज जिला कांग्रेस कमेटी की एक टीम कलेक्टर एवं एसपी से मुलाकात की और अपोलो में पदस्थ रहे दमोह के फर्जी डॉक्टर की डिग्री की जांच सहित अन्य मांगों को लेकर जांच की मांग की।

जिला कांग्रेस के अध्यक्ष ने कलेक्टर को सौंपे अपने ज्ञापन में कहा है कि फर्जी डिग्रीधारी डा. नरेंद्र विक्रमादित्य जिसने कार्डियोलाजिस्ट की हैसियत से अपोलो में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल सहित अन्य लोगों का हार्ट का आपरेशन किया था। आपरेशन के बाद उनकी तबियत बिगड़ी और चल बसे। उनके अलावा अन्य लोगों की भी मृत्यु हो गई।

अपोलो मे डा. विक्रमादित्य को नौकरी पर रखते समय उनकी डिग्री की जांच पडताल क्यों नहीं कराई। अपोलो जैसे कॉरपोरेट संस्था और प्रबंधन ने इतनी बड़ी लापरवाही किस आधार पर की। जानबुझकर या फिर छत्तीसगढ़ के भोले भाले लोगों की जान लेने के लिए। डा. विक्रमादित्य के लिए अपोलों ने अपने आपरेशन थियेटर को प्रयोगशाला बना दिया था। अपोलो प्रबंधन ने इतनी बड़ी लापरवाही क्यों की। उनकी मंशा क्या थी। इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग हम कांग्रेस जन आपसे करते हैं।

इन बिंदुओं पर हो गहन जांच, दोषियों पर हो एफ.आई.आर.

राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मृत्यु के बाद उनके पुत्र प्रोफेसर प्रदीप शुक्ला ने अपोलो के अलावा सी.एम.एच.ओ. से शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत को अपोलो और तत्कालीन सी.एम.एच.ओ. ने गंभीरता से क्यों नहीं लिया। पूरे मामले की जांच क्यों नहीं कराई। आई.एम.ए. के तत्कालीन अध्यक्ष डा. कर्नल वाय.एस. दुबे ने अपने स्तर पर फर्जी कार्डियोलाजिस्ट डा. विक्रमादित्य के डिग्री की जांच कराई थी। जांच में कार्डियोलाजिस्टकी डिग्री फर्जी मिली थी। आई.एम.ए. के तत्कालीन अध्यक्ष ने तत्कालीन सी.एम.एच.ओ. और अपोलो प्रबंधन को इसकी जानकीर दी थी। सीएमएचओ और अपोलो ने गंभीर मामले को क्यों दबाया। सी.एम.एच.ओ. ने जांच क्यों नहीं कराई।

आई.एम.ए. अध्यक्ष की रिपोर्ट को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया। उस समय अगर जांच कराई जाती है और डा. विक्रमादित्य के फर्जीवाडा से पर्दा उठ गया होता तो दमोह के मिशन अस्पताल की भयावह घटना नहीं हुई होती। बेकसुर लोगों की जान तो बच जाती।

अपोलो लौटाए राशि

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी से सीएम साय को लिखे पत्र में मांग की है कि कार्डियोलाजिस्ट की हैसियत से डा विक्रमादित्य ने अपोलो में जितने भी आपरेशन किए उन सभी के परिजनों को आपरेशन सहित खर्च की पूरी राशि ब्याज सहित वापस लौटाए। जाहिर है जो भी मरीज भर्ती हुआ होगा उनके परिजनों ने कहीं ना कहीं से राशि की व्यवस्था ब्याज में ही की रही होगी। पूरी राशि अपोलो को वापस लौटाने का निर्देश दें। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को इलाज के लिए राज्य शासन ने 20 लाख रुपये दिया था। अपोलो वह राशि सरकारी खोजने में जमा कराये।

बेकसुरो की मौत के आरोप में इन पर हो एफआईआर और चलाई जाए मुकदमा

तत्कालीन सीएमएचओ जिसने आईएमए अध्यक्ष द्वारा डॉ. विक्रमादित्य की फर्जी डिग्री के संबंध में सौपी रिपोर्ट को जानबूझकर दबा दिया और कार्रवाई नहीं की। डा. प्रताप रेड्डी चेयरमैन अपोलो ग्रुप. प्रीथा रेड्डी एक्जीक्यूटिव चेयरमैन अपोलो ग्रुप, डा मनीष महू रिजनल हेड अपोलो अस्पताल ग्रुप. अर्णव राहा यूनिट हेड बिलासपुर अपोलो अस्पताल, नरेंद्र विक्रमादित्य यादव।

ज्ञापन सौंपने के दौरान शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, तखतपुर पूर्व विधायक रश्मि सिंह, बिल्हा पूर्व विधायक सियाराम कौशिक, जगदीश कौशिक,डब्बू साहू आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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