
बिलासपुर। वर्ष 2023-24 में भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले के डी.पी.विप्र महाविद्यालय में आयोजित विश्वविद्यालय स्तर अत्यंत लोकप्रिय साइनेक्स मिलेनियम में छात्र-छात्राओं ने वृहद रूप से भाग लेकर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया है।
ज्ञात हो सम्पूर्ण विश्व में केवल विलक्षण प्रतिभाओं एवं उपलब्धियों को सम्मान देने के लिये प्रतिवर्ष लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड द्वारा सम्मान पत्र दिया जाता है। इस हेतु डी.पी. विप्र महाविद्यालय को सम्मानित करने के लिए यह विश्व रिकार्ड का प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
डी.पी. विप्र महाविद्यालय के प्रशासन समिति के अध्यक्ष अनुराग शुक्ला एवं प्राचार्या डॉ. (श्रीमती) अंजू शुक्ला के कुशल नेतृत्व एवं मार्ग दर्शन में महाविद्यालय ने 11 दिसम्बर, 2023 को साइनेक्स मिलेनियम 2024 में 3124 मॉडल प्रस्तुत करके लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया।
छत्तीसगढ़ राज्य के दो बार नैक से ‘ए‘ ग्रेड प्राप्त एक मात्र इस गौरवशाली महाविद्यालय द्वारा निरंतर छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु इस भव्य साइनेक्स मिलेनियम कार्यक्रम का आयोजन विगत 20 वर्षों से कर रहा है। जिसमें विश्व रिकार्ड बनाते हुए इस प्रभावशाली प्रदर्शन ने छात्रों की वैज्ञानिक कौशल, टेक्नॉलाजी, कलात्मकता और रचनात्मकता के मिश्रण को प्रदर्शित किया है।
इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. विवेक अम्बलकर ने बताया कि उन्नत तकनीक से लेकर टिकाऊ समाधानों तक प्रदर्शनी ने नवाचार (प्ददवअंजपवद) को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज की प्रतिबद्धता को सर्वश्रेष्ठ रूप से उजागर किया है।
इस कार्यक्रम के प्रणेता युवा उर्जावान एल्युमिनी कमेटी के अध्यक्ष एवं आशीर्वाद पेनल के संयोजक अविनाश सेठी ने बताया कि यह अभूतपूर्व उपलब्धि डी.पी. विप्र कॉलेज की एक शैक्षिक केन्द्र के रूप में प्रतिष्ठा को मजबूत करती है एवं यह आशीर्वाद पेनल के समस्त कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम का सुन्दर परिणाम है।
शासी निकाय के वरिष्ठ सदस्य राजकुमार अग्रवाल ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि महाविद्यालय छात्र-छात्राओं की हर पीढ़ी को ज्ञान और कल्पना की असीम संभावनाओं का पता लगाने के लिए प्रेरित करती है।
इस कार्यक्रम साइनेक्स मिलेनियम को सफल बनाने में भुवनेश्वर के सीनीयर साइंटीस्ट डॉ. राहूल प्रकाश, पानुहालदार एवं श्री प्रतीक श्रीवास्त का महत्वपूर्ण योगदान है। महाविद्यालय द्वारा प्राचार्या डॉ. अंजू शुक्ला के नेतृत्व में एक बुक का भी संपादन किया गया है।
इस विश्व रिकार्ड प्रमाण पत्र के जारी होने पर डॉ. मनीष तिवारी, डॉ. एम.एस. तम्बोली, डॉ. एम.एल. जायसवाल, प्रो. निधीष चौबे, डॉ. आभा तिवारी, प्रो. ए.श्रीराम, प्रो. विश्वास विक्टर, प्रो. ऋचा हाण्डा, डॉ. शिखा पहारे, प्रो. तोषिम मिश्रा, प्रो. श्रीति सोमवंशी, डॉ. किरण दुबे, एस.आर. चन्द्रवंशी, प्रो. भागवत कौशिक एवं महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों में अत्यंत हर्ष व्याप्त है।