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क्राइमबिलासपुर

बड़ी खबर। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने मकान का नक्शा पास कराने के बदले रिश्वत लेते हुए, नगर पंचायत की सीएमओ भारती साहू और उनके बाबू सुरेश सीहोरे को रंगेहाथ गिरफ्तार किया

बिलासपुर | बोदरी नगर पंचायत बोदरी में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने मकान का नक्शा पास कराने के बदले रिश्वत लेते हुए नगर पंचायत की सीएमओ भारती साहू और उनके बाबू सुरेश सीहोरे को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई 17 दिसंबर 2025 को की गई, जिससे नगर पंचायत कार्यालय में हड़कंप मच गया।

नक्शा पास कराने के नाम पर घूस की मांग

एसीबी सूत्रों के अनुसार, नूतन चौक निवासी वेदराम निर्मलकर ने 12 दिसंबर को एसीबी बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि बोदरी स्थित उनकी जमीन पर मकान निर्माण के लिए नक्शा पास कराने के एवज में नगर पंचायत कार्यालय द्वारा खुलेआम रिश्वत मांगी जा रही है।

15 हजार से 12 हजार में तय हुआ सौदा

शिकायतकर्ता के मुताबिक, बाबू सुरेश सीहोरे ने नक्शा पास करने के लिए 20 हजार रुपए का डिमांड ड्राफ्ट, 47,257 रुपए की निर्धारित शासकीय फीस के अलावा 15 हजार रुपए नकद रिश्वत की मांग की। एसीबी द्वारा शिकायत का सत्यापन किया गया, जिसमें सीएमओ भारती साहू और बाबू सुरेश सीहोरे द्वारा रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। बातचीत के दौरान सौदेबाजी के बाद रिश्वत की रकम 15 हजार से घटाकर 12 हजार रुपए तय की गई।

ट्रैप कार्रवाई में दोनों आरोपी गिरफ्तार

17 दिसंबर को तय योजना के तहत शिकायतकर्ता रिश्वत की रकम लेकर नगर पंचायत कार्यालय पहुंचा। जैसे ही बाबू सुरेश सीहोरे ने 12 हजार रुपए स्वीकार किए, मौके पर तैनात एसीबी टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बाबू और सीएमओ दोनों को गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की पूरी राशि आरोपी बाबू के कब्जे से बरामद की गई।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस

एसीबी ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर विधिसंगत कार्रवाई शुरू कर दी है।

पहले भी विवादों में रही हैं सीएमओ

गौरतलब है कि सीएमओ भारती साहू शासकीय कार्यों और गतिविधियों को लेकर पहले भी चर्चा में रही हैं। उनके खिलाफ शिकायतें उच्च अधिकारियों तक पहुंचती रही हैं, लेकिन कथित रसूख के चलते वे अब तक बचती रही थीं। इस बार एसीबी की सख्त कार्रवाई से उन्हें राहत नहीं मिल सकी।

जनता के लिए सख्त संदेश

एसीबी की इस कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि नक्शा पास जैसे बुनियादी कामों में भी घूसखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई न सिर्फ प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार है, बल्कि आम जनता के लिए स्पष्ट संदेश भी है कि अब रिश्वतखोरी छिप नहीं पाएगी।